गर्दन में दर्द (Cervical) –डिजिटल इंडिया होने के कारण आजकल हर कोई व्यक्ति ऑनलाइन काम कर रहा है और ऑनलाइन काम करने के लिए उसे एक ही जगह काफी देर तक बैठकर काम करना पड़ता है। और ज्यादा देर तक बैठे रहने से हमारी शरीर की मांसपेशी और हड्डियाँ में अकड़न आ जाती है जिससे हमारे शरीर में दर्द होने लगता है। जिसमें गर्दन में दर्द (Cervical) भी एक बहुत महत्त्वपूर्ण समस्या आजकल बन गयी है यह समस्या आमतौर आजकल सभी लोगों में हो रही है, तो आइये यह बीमारी क्या और कैसे ठीक होती है उसके बारे में पूर्ण रूप से जानें।
गर्दन में सूजन या दर्द (Cervical) क्या है और क्यों होता है?
गर्दन में होने वाले दर्द (Cervical) या सूजन को सर्वाइकल कहते है। गर्दन की हड्डियाँ और मांसपेशिया लचीली होती है और चोट लगने, सूजन आने या एक ही जगह पर ज्यादा देर तक काम करने से गर्दन की मांसपेसियों या हड्डियाँ में अकड़न या सूजन आ जाता है जिससे हमें दर्द होता है और गर्दन में दर्द (Cervical) की समस्या आती है। गर्दन को हिलाने – डुलाने से कुछ समय के लिए गर्दन में दर्द या सूजन ठीक हो जाता है परन्तु फिर कुछ समय बाद दर्द दोबारा महसूस होने लगता है। प्रीतिदिन उचित व्यायाम और योग अभ्यास, गर्दन में दर्द (Cervical) या सूजन वाले लोगों के लिए एक अच्छा उपचार या इलाज है।
गर्दन में दर्द (Cervical) के लक्षण और घरेलू नुस्खा या इलाज
1. एक ही जगह पे बैठे – बैठे काम करना एक ही जगह पर काफी देर तक बैठे – बैठे काम करने से हमारी गर्दन में अकड़पन के लक्षण महसूस होने लगता है और दर्द (Cervical) होने लगता है।
2. सिरदर्द होना – सर दर्द एक आमतौर पर होनी वाली समस्या है जब हमें सरदर्द होता है तो हम अपने गर्दन को काफी समय तक एक ही स्थिति में रखते है जिससे गर्दन की मांसपेसियों में अकड़पन के लक्षण महसूस होने लगते है और फिर दर्द होने लगता है।
3. गर्दन को हिलाने में परेशानी – अपने शारीरिक कमजोरी के कारण कई लोगों को हर समय आराम वाला काम चाहिए जहाँ उन्हें अपने शरीर को या गर्दन को ज्यादा हिलाना न पड़े क्योंकि उनके शरीर में हर समय उनको दर्द महसूस होता है और यही दर्द उनके कई अन्य रोगों और गर्दन में दर्द (Cervical) के लक्षण होते है।
4. चलने में तकलीफ होना – कई लोग अपने गर्दन में दर्द (Cervical) के कारण कहीं घूमने नहीं जा सकते है ऐसे लोगों को चलने में तकलीफ होती है तो ऐसे लोग तुरंत डॉक्टर इलाज से इलाज लेना चाहिए और डॉक्टर से ली गयी दर्द निवारक दवाई खाये।
5. घरेलू नुस्खा – आजकल ज्यादातर लोग आजकल एक ही जगह पर सुबह से लेकर शाम तक बैठे – बैठे अपना काम करते है जिसके कारण उनके पुरे शरीर में दर्द होने लगता है खासकर गर्दन में दर्द (Cervical) होता है तो उन लोगो को नुस्खा या इलाज के जरिये अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए। जैसे – रात को सोने से आधा घंटा पहले सरसों या तिल के तेल को हल्का गर्म करें और अपने पुरे शरीर पर तेल की मालिश करे खासकर अपने गर्दन में इस घरेलू उपाय से बहुत आराम मिलता है और सुबह उठने पर हमे दर्द का बिलकुल भी महसूस नहीं होता है और सम्भव हो सके तो रात को एक गिलास दूध और उसमे आधा चमच्च से भी कम हल्दी मिलाकर ढंग से हल्दी को दूध में मिला कर पि लें इस घरेलू नुस्खा या इलाज से भी हमें बहुत लाभ मिलता है क्योकि यह हमारे हडिड्यो या मांसपेसियों को हर समय मजबूत बनाये रखता है इसलिए जितना हो सके गर्दन में दर्द (Cervical) होने पर घरेलू नुस्खा या इलाज का ज्यादा प्रयोग करें और बाहरी दवाइयों को रोग अधिक होने पर ही प्रयोग में लाये।
गर्दन में दर्द (Cervical) के कारण और ठीक करने के लिए एक्सरसाइज इन हिंदी
. गर्दन को एक ही स्थिति में रखना – कंप्यूटर पर, टीवी देखते समय, फ़ोन पर बात करते समय या किसी किसी की बातों को ध्यान से फोकस करने पर हम अपने गर्दन की स्थिति को लम्बे समय तक एक ही स्थिति में रखते है जिससे हमारी गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न आ जाती है और हमें गर्दन में दर्द (Cervical) महसूस होने लगता है।
2. हड्डियों का कमजोर होना – कैल्शियम हमारे शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है और जिन लोगो के शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होती है खासकर ऐसे लोगों की हड्डियाँ कमजोर होती है और ऐसे लोगों में गर्दन में दर्द (Cervical) की समस्या आमतौर पर होती है।
4. व्यायाम – प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम नहीं करने से गर्दन की मांसपेशियां अकड़ जाती है तथा पूर्णतः हिलने – डुलने योग्य नहीं रहती है। सही ढंग से न बैठने की अपेक्षा हर समय कुर्सी पर अधिक समय तक कार्य करने से हमारे कंधों और गर्दन की मांसपेशियों एवं जोड़ो का लचीलापन समाप्त हो जाता हैं जिससे हमारे गर्दन में दर्द (Cervical) हर समय बना रहता हैं।
6. एक्सरसाइज – एक्सरसाइज का मतलब होता है अपने शरीर ध्यान रखना यानि अपने शरीर की सभी मांसपेसियों को समय – समय हिलाते डुलाते रहना। एक्सरसाइज हमें सुबह के समय करना चाहिए क्योकि शांत वातावरण में हमारा ध्यान सिर्फ हमपे या खुद पर होता है और जितना फोकस आप अपने पर देंगे उतना आपको एक्सरसाइज करने का फायदा मिलेगा। एक्सरसाइज करने से हमारी पुर्ण शरीर की माँसपेशिया लचीली एवं मजबूत रहती है और यह सबसे महत्वपूर्ण होता जितना शरीर की माँसपेसिया मजबूत और लचीली रहेंगी उतना शरीर में दर्द कम रहेगा। एक्सरसाइज को धीरे – धीरे करना चाहिए और जिस दिन मन करने का न हो नहीं करना चाहिए क्योकि आपका ध्यान एक्सरसाइज पर नहीं लगेगा जिस कारण गलत तरीके से एक्सरसाइज करने पर आपको नुकसान हो सकता है।
गर्दन में दर्द (Cervical) के आयुर्वेदिक एवं योग उपचार और क्या खाये?
1. आयुर्वेदिक उपचार – आयुर्वेद विज्ञानं की वह शाखा है जो हमारे शरीर को शुद्ध और रोगमुक्त करता है। गर्दन में दर्द (Cervical) होने पर कई लोग आयुर्वेद का सहारा लेते है और जल्दी से ठीक हो जाते हैं क्योंकि आयुर्वेद में इलाज करने से हमारे शरीर पर कोई अन्य दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए कई लोग गर्दन में दर्द (Cervical) या अन्य रोग की स्थिति में आयुर्वेद से उपचार (इलाज) करते हैं।
2. संतुलित आहार – अच्छे संतुलित आहार युक्त भोजन को खाये या सेवन करना चाहिए जैसे हरी सब्जियां, कैल्शियम या विटामिन वाले फल, पोषक – तत्व युक्त दाल इन सभी भोजनों को करने से हमारे शरीर की मांसपेशियां मजबूत और शरीर में कैल्शियम की मात्रा पूर्ण रूप में रहती है। कैल्शियम से हमारी हड्डियाँ मजबूत होती है। इसलिए कहा जाता है की अच्छा भोजन ही अच्छे स्वास्थ्य की पहचान है।
3. प्रतिदिन योग अभ्यास करें – योग का अर्थ है एक सुखमय जीवन जीने का आनंद योग हमारे शरीर के सभी रोगों को जल्दी ठीक कर देता है। योग अभ्यास शुद्ध वातावरण में रहकर करने से परिणाम काफी लाभकारी होता है। योग द्वारा उपचार लेने से हमारे गर्दन में दर्द की समस्या कम होती है और हमें बहुत आराम मिलता है।
4. आसन – गर्दन में दर्द (Cervical), कब्ज और जोड़ो के दर्द में पवनमुक्तासन के सभी आसन करें जो शरीर के सभी जोड़ो सक्रिय बनाकर उनकी भली – भांति मालिश करके तथा जोड़ों का कड़ापन और तनाव दूर करके उन्हें शिथिल करते है। पवनमुक्तासन आसनों को करने से पूर्व गर्दन में दर्द या अन्य जोड़ों के दर्द वाले लोगों को पहले ठंडे और फिर गर्म पानी में नमक घोलकर अपने दर्द वाले जगह पर एक सूती कपड़े को नमक वाले पानी में भिगोकर मालिशकरनी चाहिए ताकि रोगग्रस्त मांसपेशियों में रक्त संचार बढ़ जाएँ। वज्रासन, भुजंगासन, मार्जरी आसन, शवासन, मकरासन एवं सर्पासन इन आसनों का अभ्यास भी धीरे – धीरे करे इन अभ्यासों को करने से हमारे शरीर की मांसपेशियां मजबूत और शरीर स्वस्थ रहता है।
5. ध्यान – ध्यान हमारे आंतरिक और बाह्य शरीर को शांत करता है। ध्यान शांत वातावरण में करना चाहिए ध्यान करते समय हमें पद्मासन या सुखासन में कमर और गर्दन को सीधा करके ध्यान लगाना पड़ता है। जिससे हमारे शरीर की मांसपेशियां शांत और तनाव रहित रहती है।और हमारे पूर्ण शरीर में रक्त संचार शांति से होता रहता है।