हठप्रदीपिका के रचयिता स्वात्माराम योगी ने यह बताया है-‘ केवलं राजयोगाय हठविद्योपदिश्यते ‘ अर्थात केवल राजयोग की साधना के लिए ही हठ विद्या का उपदेश करता हूँ। हठ प्रदीपिका में अन्यत्र भी कहा है कि आसन, प्राणायाम, मुद्राएँ आदि राजयोग की साधना तक पहुँचाने के लिए…